दूसरा मौका
क्या सब कुछ भुलाकर उसे एक और मौकादे,,??
जो ज़ख्म दिए है उसने मोहब्बत के नाम पे,
वो सब उसकी एक मुस्कुराहट पे वारदे,,??,
भरोसा किया था जिसपे खुद से भी ज्यादा,
उसकी बेवाफाई को क्या नाम दे,
महज़ दुनिया के नज़रों में उसका साथ दे,
जबकि ए दिल के धागे तो कुछ टूटेसे है,
शिकायते तो बोहोत है पर तुझसे नहीं,
गलती तो इस मासूम दिल की है तुम्हारी नहीं,
कैसे ख़ामोश होगाए,जबकि दिल में तो कई सवाल रह गए,
हर कोई हमें समझाने में ही लगा है,
काश कोई हमेभी समझले,
दर्द छिपाकर मुस्कुराते है,उसकी गलती भी अपने सर लेते है,आज भी महफिलों में उसकी बात हो तो अश्कों को बेहनसे रोक लेते है,
अधूरी दास्तां मुक्कमल कैसे हाेजाए,
अपने ज़ज्बातों को दबाकर उसको माफी कैसे दे दे।।
©Dr. Nikita Dudagi
@n.i.k.k.i_w.r.i.t.e.s
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