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Writer's pictureNoel Lorenz

Kuch Pal Jee Lijiye

कुछ पल जिया जाए


दिमाग की कोशिकाओं को चीरकर,

एक ख़्याल मानस पटलों पर उतरा,

रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में,

समेट कुछ पल खुद के लिए जिया जाए।


अरसा बीत गया खुल के मुस्कुराए,

खुशियों के कुछ पल दामन में थामे,

रोज़ी के फेर में जो दूर हुए है अपने,

उनके साथ कुछ पल मन जिया जाए।


दोस्तों के साथ वो बेपरवाही से बातें,

पापा की डांट पर मां का बचा लेना,

भाई बहनों की नोकझोंक, लाड़ प्यार,

फिर से खट्टी मीठी यादों में जिया जाए।


आजाद कर खुद को जिम्मेदारियों से,

दौलत के चक्रव्यूह से आजाद होकर,

बाहें फैला जिंदगी से कुछ पल चुराकर,

खुल कर मुस्कुरा कर खुशी से जिया जाए।।


© Nikhil Jain

@love.vibes143


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