गुप्त प्रशंसक
चुपचाप रहते हो फिर भी सब जानते हो,
नजरे मिलाते नहीं फिर भी आंखें पढ़ लेते हो ।
बातें करते नहीं पर दिल का हाल जान लेते हो,
क्या जादू है तुम्हारे पास जो सब कुछ जान लेते हो?
बगैर किसी को पता चले गुप्त दान करते हो,
जरूरतमंदों को बिना मांगे धन की सहायता करते हो ।
बीमार हुए रोगी की सेवा करते हो,
निराधार को अपने सहारे से आश्वस्त करते हो ।
कितने गुण है तुममें जिनसे थी मैं अनजान,
जानती हूं कभी भी तुम नहीं स्वीकारते सम्मान ।
इसीलिए तो इतनी दीवानी हूं मैं तुम्हारी,
मन ही मन गुप्त प्रशंसक बन गई हूं तुम्हारी...!
बीना शाह
Instagram id beena_shah74
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