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Zindagi ki Adalat

जिंदगी की अदालत


पाप पुण्य का लेखा जोखा, सूद समेत किया जाएगा,

प्रारब्ध वर्तमान बनकर, हक वसूलने जरूर आएगा,

कर्म जो किए हैं बंदे, सबका चुकता पल में हो जाएगा,

जब जिंदगी की अदालत में, फैसला सुनाया जाएगा।


भला बुरा तू ना समझे, हर कर्म वहां लिखा जाएगा,

जाने अंजाने हुए जो गुनाह, उनका अदा किया जाएगा,

हर पल की खबर है उसको, एक दिन प्रत्यक्ष आएगा,

तू कर्म पर अटल रह, सबका हिसाब वो ही लगायेगा।


आज का किया तेरा, कल तेरे ही आगे आ जाएगा,

बोया जो आम तूने तभी तो मन की तृप्ति पा जाएगा,

अगर बोया बबूल तो, छांव पाने को भी तरस जाएगा,

सर्वश्रेष्ठ मुनीम है वो, कौन भला हिसाब से चूक जाएगा।


ना कोई सफाई तेरी, ना कोई बहाना तब याद आएगा,

गवाह, अदालत, सबूत, पेशगी सभी वही दिखायेगा,

दान, पुण्य, सत्कर्म किए, सभी का फल तू पाएगा,

जिंदगी की अदालत का न्यायधीश तेरे हित में ही जाएगा।।


© Nikhil Jain

@love.vibes143

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